मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में मंथन जारी है. मंगलवार को देर रात प्रधानममंत्री आवास पर आवास बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस का सफाया कर दिया है. एमपी में उसने 163, राजस्थान में 115 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर जीत हासिल की.
चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब यही सबसे बड़ा सवाल है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कौन होगा. पीएम आवास पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम के बीच बैठक करीबन सात बजे शुरू हुई. बाद में इस बैठक में अमित शाह भी शामिल हुए.ये बैठक करीबन चार घंटे चली. 3 राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई.
वसुंधरा से विधायकों की मुलाकात
दूसरी तरफ वसुंधरा राजे के घर मिलने वाले विधायकों का सिलसिला जारी रहा. दो दिन में अब तक 38 विधायकों की वसंधुरा राजे से मुलाकात हुई है. बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की अहम मुलाकात हुई. इस मीटिंग के बाद अरुण सिंह ने कहा कि बीजेपी संसदीय बोर्ड जो भी फैसला करेगा वो सबको मंजूर होगा
वसुंधरा राजे के खेमे के नेताओं ने दावा किया, सोमवार से अब तक लगभग 60 विधायक उनके आवास पर उनसे मिल चुके हैं. दो बार मुख्यमंत्री के रूप में राजस्थान की कमान संभाल चुकीं वसंधुरा राजे इस बार भी इस पद की दौड़ में सबसे आगे बताई जा रही हैं. वसुंधरा राजे से मिलने वाले विधायकों में से अनेक ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया. वहीं कुछ ने यह भी संदेश दिया कि राजे को राज्य का नेतृत्व करना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम बुधवार को तय हो सकता है. प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी मंगलवार को जयपुर पहुंचे. आज से विधायकों से संवाद का सिलसिला शुरू हो सकता है. उधर, मध्य प्रदेश में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रदेश अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?बीजेपी में इसी को लेकर विचार मंथन का दौर जारी है. इस पर भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल है. बीजेपी के सभी केंद्रीय पदाधिकारी और मंत्री दिल्ली में हैं.
एमपी के सारे दिग्गज भी दिल्ली में हैं. सीएम की रेस में शामिल प्रह्लाद पटेल गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नाड्डा से मुलाकात कर चुके हैं. प्रह्लाद पटेल ने ट्वीट पर खुद को OBC का बड़ा नेता भी बताया था. वह उमा भारती के बाद लोधी समाज के सबसे बड़े नेता हैं.
कैलाश विजयवर्गीय को भी हाई कमान से बहुत उम्मीदें है. बंगाल में 5 साल प्रभारी रहने के बाद अब तक उन्हें कोई बड़ा तोहफा नहीं दिया है. दरअसल, मालवा -निमाड़ में बीजेपी 66 में से 47 सीटें बीजेपी लेकर आई है, जो पिछली बार से 19 सीट ज्यादा है. मालवा -निमाड़ की ज़िम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को दी गई थी. इंदौर से ही विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि जनता चाहती है कि कैलाश विजयवर्गीय को सीएम बनना चाहिए. कैलाश विजयवर्गीय दिल्ली में ही डेरा जमाए हुए हैं.